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गर्भाशय का कैंसर गर्भाशय की परत में ही शुरू हो जाता है। इसे एंडोमेट्रियल कैंसर भी कहते हैं। एंडोमेट्रियल कैंसर में से ज्यादातर 75 से 80% तक एडेनोकार्सिनोमा होता है, जो ग्लैंड्स की सेल्स में होता है, लेकिन बता दें कि इसके बारे में सही समय पर पता लगने से कैंसर की रोकथाम की जा सकती है। बता दें कि आयुर्वेद में गर्भाशय कैंसर की रोकथाम से जुड़ा इलाज बताया गया है, जिससे इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। ऐसे में आइए कैंसर की रोकथाम के उपाय के बारे में जानते हैं:
गर्भाशय का कैंसर बहुत ही गंभीर बीमारी होती है। वैसे तो गर्भाशय कैंसर की रोकथाम करके इससे छुटकारा पाया जा सकता है, लेकिन इसके लक्षणों के बारे में पता होना जरूरी है। आइए, जानते हैं इसके लक्षण:
गर्भाशय का कैंसर अचानक से नहीं होता है। वैसे तो इसके कारणों का पहले से ही पता होने से गर्भाशय कैंसर की रोकथाम सही समय पर की जा सकती है। ऐसे में आइए इसके मुख्य कारणों के बारे में जानते हैं –
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अश्वगंधा जड़ी-बूटी का आयुर्वेद में खास इस्तेमाल किया जाता है। ये होम्योपैथी में भी बहुत उपयोग में आती है। ये शरीर की आवश्यकताओं को अनुकूलित कर सकती हैं। इसका सेवन करने से कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोका जा सकता है। अश्वगंधा को गर्भाशय कैंसर की रोकथाम में बहुत इस्तेमाल किया जाता है।
अदरक भी कई बीमारियों के इलाज में मददगार मानी जाती है। ये न सिर्फ गर्भाशय बल्कि कोलन कैंसर के इलाज में भी बहुत लाभकारी मानी जाती है। इसके गुणों की वजह से ये गर्भाशय कैंसर की रोकथाम में बहुत उपयोगी है।
हल्दी को भारतीय मसालों में बहुत इस्तेमाल किया जाता है। पारंपरिक चिकित्सा में इसे जड़ी-बूटी के रूप में बहुत उपयोग किया जाता है। इसे एंटी-भड़काउ एजेंट माना जाता है, जो कैंसर सेल्स के विकास को रोकने में बहुत मददगार होता है। ऐसे में हल्दी को भी गर्भाशय कैंसर की रोकथाम के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
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लहसुन को भी कैंसर का निर्माण करने से रोका जा सकता है, क्योंकि इसमें एलिसिन होता है। इसे सूजन से जुड़ी बीमारियों के इलाज में सर्वश्रेष्ठ हीलर माना जाता है। इसमें कई तरह के फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं, जो शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने का काम करते हैं। लहसुन गर्भाशय कैंसर की रोकथाम के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
ग्रीन टी में कई तरह के कैंसर का इलाज करने, वजन घटाने और डिटॉक्सिफिकेशन के गुण मौजूद होते हैं। रोजाना ग्रीन टी का सेवन करने से कैंसर सेल्स के विकास को रोकने में मदद मिल सकती है। ग्रीन टी गर्भाशय कैंसर की रोकथाम में उपयोगी मानी जाती है।
अगर आप गर्भाशय कैंसर से जूझ रहे हैं, तो अपनी डाइट में कॉफी, फल, सब्जियां, ग्रीन टी जैसी चीजों का सेवन करना शुरू कर दें। ये भी गर्भाशय कैंसर की रोकथाम के लिए एक उपयोगी उपचार है।
तो जैसा कि आपने जाना कि गर्भाशय कैंसर की रोकथाम किस तरह से की जा सकती है। ऐसे में इन उपायों को अपनाने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।
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अगर आपको भी गर्भाशय कैंसर या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज आयुकर्मा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का इलाज कर रहा है।
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