आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा अनुशंसित आयुर्वेदिक उपचार, उपचार और सलाह
इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी कि स्तंभन दोष पुरुषों के यौन स्वास्थ्य से जुड़ी ही एक गंभीर समस्या है। इस समस्या के अंदर पुरुषों को शारीरिक संबंध बनाते हुए इरेक्शन प्राप्त करने और उसे बनाए रखने में दिक्कत होती है। वैसे तो ये समस्या 40 साली की उम्र के बाद ही होती है, लेकिन कई बार गलत खान-पान और जीवनशैली में बदलाव के चलते ये समस्या कम उम्र में ही परेशान करने लगती है। ऐसे में जरूरी है कि इस समस्या का सही समय पर इलाज कर लिया जाए, तो बता दें कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन आयुर्वेदिक दवा की मदद से आप इस समस्या से मुक्ति पा सकते हैं
इरेक्टाइल डिसफंक्शन आयुर्वेदिक दवा पुरुषों में यौन कमजोरी को दूर करने के लिए एक प्रभावी और प्राकृतिक समाधान है। यह समस्या मुख्य रूप से तनाव, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, कमजोर ब्लड सर्कुलेशन और टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण होती है। आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है, जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) और यौन कमजोरी को जड़ से खत्म करने में मदद करती हैं। अश्वगंधा, शिलाजीत, कौंच बीज, गोखरू और सफेद मूसली जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां शरीर की ऊर्जा को बढ़ाती हैं, ब्लड फ्लो सुधारती हैं और हार्मोन बैलेंस करती हैं।इरेक्टाइल डिसफंक्शन का आयुर्वेदिक इलाज न केवल यौन शक्ति को बढ़ाता है, बल्कि यह बिना किसी साइड इफेक्ट के शरीर को संपूर्ण रूप से मजबूत भी करता है। शिलाजीत और अश्वगंधा टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने और स्टैमिना सुधारने में मदद करते हैं, जबकि कौंच बीज और सफेद मूसली वीर्य की गुणवत्ता बढ़ाते हैं। इन जड़ी-बूटियों का नियमित सेवन करने से शीघ्रपतन, नपुंसकता और यौन कमजोरी को दूर किया जा सकता है। साथ ही, हेल्दी लाइफस्टाइल, योग और संतुलित आहार अपनाने से आयुर्वेदिक उपचार और अधिक प्रभावी होता है। ये प्राकृतिक उपाय इरेक्टाइल डिसफंक्शन को स्थायी रूप से ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
वैसे तो इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कई कारण होते हैं, लेकिन इरेक्टाइल डिसफंक्शन की सबसे अच्छी दवा आपको इस समस्या से निजात दिला सकती है। तो चलिए पहले इसके कारण जान लेते हैं:
बता दें कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या अचानक नहीं होता। इसके लक्षण शरीर में पहले से ही दिखने लगते हैं। लेकिन इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए सर्वोत्तम दवा लेकर इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है। आइए, जानते हैं वे लक्षण कौन-सी है –
चिकित्सक सलाह के लिए फॉर्म भरें
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कारण और लक्षण जानने के बाद चलिए इरेक्टाइल डिसफंक्शन आयुर्वेदिक दवा जान लेते हैं –
शतावरी को इरेक्टाइल डिसफंक्शन आयुर्वेदिक दवा माना जाता है। ये पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन को बढ़ाने में मदद करती है। वहीं इसका सेवन करने से स्पर्म काउंट बढ़ाने में मदद मिलती है, जिससे इनफर्टिलिटी की समस्या दूर हो सकती है। इसके इस्तेमाल से सेक्स टाइम को बढ़ाया जा सकता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन से जुड़़ी समस्याओं का इलाज शिलाजीत का प्रयोग करके किया जा सकता है। शिलाजीत का सेवन करने से प्राइवेट पार्ट में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और वहीं यौन दुर्बलता भी कम होती है। ये टेस्टोस्टेरॉन लेवल और स्पर्म काउंट को बढ़ाने में बहुत मदद करती है। इसके लिए आप शिलाजीत के पाउडर को दूध में मिलाकर पिएं। ऐसे में शिलाजीत को इरेक्टाइल डिसफंक्शन आयुर्वेदिक दवा कहा जा सकता है।
अश्वगंधा को इरेक्टाइल डिसफंक्शन आयुर्वेदिक दवा माना जा सकता है। इसमें एफ्रोडिसिएक गुण होते हैं, जो यौन उत्तेजना को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसका सेवन करने से तनाव, कमजोरी और थकान भी दूर हो सकता है। ऐसे में आप रात के समय अश्वगंधा के चूर्ण को गर्म दूध या पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
अभी फॉर्म भरें और विशेषज्ञ से परामर्श करें
आयुर्वेद में सफेद मूसली का प्रयोग दवाई के रूप में किया जाता है। इसका सेवन करने से टेस्टोटेस्टेरॉन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है। ये जड़ी-बूटी सेक्स पॉवर को बढ़ाने के साथ-साथ इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या से भी छुटकारा दिलाती है। आप इसका सेवन करने के लिए सफेद मूसली का पाउडर लें और उसे गाय के घी और मिश्री के साथ मिक्स करके खा लें। सफेद मूसली को इरेक्टाइल डिसफंक्शन आयुर्वेदिक दवा में से एक गिना जा सकता है।
गोक्षुरा को इरेक्टाइल डिसफंक्शन आयुर्वेदिक दवा माना जाता है। गोक्षुरा को भी सेक्शुअल डिसफंक्शन के दौरान सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा माना जाता है। ये जड़ी-बूटी न सिर्फ मांसपेशियों की कमजोरी को ठीक करती है, बल्कि इरेक्शन को मजबूत करती है, जिससे कमजोर पेनाइल इरेक्शन वाले लोगों को मदद मिलती है। गोक्षुरा में स्पर्म काउंट और प्लाज्मा टेस्टोस्टेरॉन को बढ़ाया जा सकता है।
जायफल का इस्तेमाल इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या में किया जा सकता है। इससे पेनाइल इरेक्शन के लिए दिमाग और नसों को बढ़ावा देने में मदद मिलती है और साथ ही इससे पेनिस का ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहता है। ऐसे में जायफल को इरेक्टाइल डिसफंक्शन आयुर्वेदिक दवा माना जा सकता है।
तो जैसा कि आपने जाना कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन आयुर्वेदिक दवा क्या है? लेकिन फिर भी इन उपचारों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।
अपॉइंटमेंट के लिए फॉर्म अभी भरें
अगर आपको भी किडनी या किडनी के रोग से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।
Hi, I'm Sheela. I struggled with painful skin rashes for years. After facing side effects from other medicines, I turned to Ayukarma. The facilities impressed me, and after 1.5 months of treatment, my skin completely healed. I'm so grateful for their care and effective treatment.
I'm Kapil from Jhajjar. I had gallbladder stones and wanted an herbal solution. I chose Ayukarma and followed their treatment and diet plan. In a month, my symptoms eased, and scans showed major improvement. After two months, the stones were gone. Truly thankful for their help.
I'm Tina from Delhi. I suffered from severe sinus issues for years. After learning about Panchakarma therapy, I visited Ayukarma. The staff was great, and therapy was done as per Ayurvedic texts. After treatment, my symptoms improved significantly. I highly recommend them for sinus problems.
Ayukarma helped me manage proteinuria naturally. The Ayurvedic herbs they prescribed reduced my symptoms without side effects. I’ve noticed improvements in my kidney function too. Their treatment has been safe, effective, and deeply healing. I highly recommend them.
My friend’s dad had colon cancer with severe symptoms. After starting treatment at Ayukarma, he showed major improvement in a few months. His recovery is ongoing, and he now strongly recommends Ayukarma for anyone dealing with similar issues.
My aunt, Rita Mehra, had early-stage breast cancer. She began treatment at Ayukarma, and the use of herbal medicines helped prevent the cancer from spreading. Best part, no side effects. Dr. Puneet and the team were excellent throughout. Huge thanks to them!
I’m Kriya from Delhi. Diagnosed with early-stage tonsil cancer, I couldn’t tolerate allopathic treatment. Switching to Ayukarma was the best decision. Their herbal therapy eased my symptoms and improved my health significantly. I’m hopeful for a full recovery.
Is Creatinine Level 2.9 Level Dangerous? Causes, Symptoms & Treatment ...
How to Reduce Protein in Urine Naturally: Causes, Remedies & Diet Tips ...
फेफड़ों में पानी सुखाने की आयुर्वेदिक दवा और घरेलू उपाय ...
Approved by
Certificate no- AH-2022-0145
FEB 23,2022 - FEB 22,2025