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हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज

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हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज

हाथों और पैरों का सुन्न होना एक आम समस्या है, लेकिन अनुपचारित रहने या देर से उपचार किए जाने पर यह गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। आमतौर पर हाथ-पैरों के सुन्न होने का प्रमुख कारण तंत्रिका तंत्र (Nervous System) का ठीक तरीके से काम नहीं करना है। इससे नसों में दबाव, खराब ब्लड सर्कुलेशन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, कुछ आयुर्वेदिक औषधियों से इसका उपचार और नियंत्रण संभव है। इस ब्लॉग में आप हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज जानेंगे, जिससे आपको इस समस्या से राहत पाने में मदद मिल सकती है।

लक्षण

हाथ-पैर सुन्न होने के सामान्य लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैंः

कारण

हाथ-पैर सुन्न होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसेः

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हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज

आयुर्वेदिक उपचार से हाथ-पैर सुन्न होने की समस्या का प्राकृतिक इलाज किया जा सकता है। ऐसे ही कुछ उपचार विकल्प नीचे दिए गए हैंः

1. तुलसी

तुलसी - हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज

तुलसी के पत्तों से हाथ-पैर सुन्न होने का प्राकृतिक उपचार किया जा सकता है। इनमें विटामिन-C और मैग्नीशियम होता है, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं और नसों को आराम देते हैं। साथ ही तुलसी के पत्तों में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण नसों के दर्द को नियंत्रित करके आपको ऊर्जा और सुन्नपन से राहत प्रदान करते हैं।

2. अलसी के बीज

अलसी के बीज - हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज

अलसी के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। इसका सेवन आपके ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और नसों को मजबूती देता है। जबकि, इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को बढ़ावा देकर रक्त शर्करा को नियंत्रित करते हैं, जिससे मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र को आराम मिलता है।

3. गिलोय

गिलोय - हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज

गिलोय, आयरन, विटामिन-C और एंटीऑक्सीडेंट्स का सबसे अच्छा स्रोत है। यह सभी पोषक तत्व सूजन और दर्द को कम करके नसों को आराम देते हैं। साथ ही गिलोय का सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूती देने, ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाने और शरीर को डिटॉक्स करने में फायदेमंद हो सकता है, जिससे नसों की सेहत में सुधार होता है।

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4. अश्वगंधा

अश्वगंधा - हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज

अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें फाइबर, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। यह तंत्रिका तंत्र को शांत और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करते हैं, जिससे सुन्नपन और कमजोरी की समस्या ठीक हो सकती है। इसके अलावा अश्वगंधा का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और तंत्रिका तंत्र के कार्यों को बढ़ावा देता है।

5. नारियल तेल

नारियल तेल - हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज

नारियल तेल में लॉरिक एसिड और विटामिन-E की उच्च मात्रा होती है। इसकी मालिश से सूजन को नियंत्रित करने, नसों को शांत करने और त्वचा की सेहत को बनाए रखने में मदद मिलती है। साथ ही नारियल तेल में मौजूद ट्राइग्लिसराइड्स शरीर को ऊर्जा देते हैं और तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ बनाते हैं।

निष्कर्ष

अगर आप भी हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी उपचार विकल्प चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। सेहत से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।

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