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दाद, खाज और खुजली ऐसी त्वचा समस्याएं होती हैं जो दिखने में भले ही छोटी लगती हैं, लेकिन अगर किसी को हो जाए तो बहुत परेशान कर सकती हैं और दिनभर की आरामदायक दिनचर्या को भी बिगाड़ देती है। ऐसे में बहुत से लोग सबसे पहले घरेलू नुस्खों की तरफ रुख करते हैं, जिनमें लहसुन सबसे लोकप्रिय माना जाता है। लेकिन सवाल ये है क्या लहसुन सच में दाद, खाज और खुजली को ठीक कर सकता है? इसे सही तरीके से कैसे इस्तेमाल किया जाए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? आज इस आर्टिकल में हम इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानेंगे। यही नहीं साथ ही हम जानेंगे लहसुन से दाद खाज खुजली कैसे ठीक करें।
हाँ, लहसुन दाद, खाज और खुजली में कुछ हद तक मदद कर सकता है, लेकिन हर किसी के लिए यह एक स्थाई इलाज नहीं है।
लहसुन में मौजूद एलीसिन नामक तत्व में शक्तिशाली एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये भी एक कारण है कि यह फंगल इंफेक्शन जैसे दाद और स्किन इरिटेशन यानी खाज-खुजली में राहत दे सकता है।
लेकिन यहाँ कुछ बताईं जाननी जरूरी है:
शुरुआती स्टेज के दाद में
लगातार खुजली या लालपन में
हल्के फंगल इंफेक्शन में
संक्रमण वाले क्षेत्र में बैक्टीरिया कम करने में
सूजन, जलन या छाले मौजूद हों
अगर दाद बहुत फैल चुका हो
त्वचा बहुत संवेदनशील हो
लगातार खुजली या लालपन की समस्या हो
लहसुन का पतला रस - दाद खाज खुजली में लहसुन लगाने का तरीका समझना बहुत जरूरी है, इस समस्या में लहसुन का पतला रस लगाना कच्चा लहसुन लगाने से कई गुना अच्छा होता है, इसमें मौजूद शक्तिशाली एंटी-फंगल तत्व एलीसिन त्वचा पर बिना जलन के काम कर पाता है। यह पतला रस दाद के फंगल संक्रमण को धीरे-धीरे कमजोर करता है, जिससे लालपन, खुजली और जलन कम होने लगती है। साथ ही यह त्वचा को साफ रखता है और फंगल पैच के अंदर मौजूद जीवाणुओं को मारकर राहत देता है। जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील होती है, वे कच्चा लहसुन लगाने पर जलन या छाले तक महसूस कर सकते हैं, लेकिन पतला रस त्वचा को नुकसान पहुँचाए बिना धीरे-धीरे असर दिखाता है।

लहसुन तेल - दाद, खाज और खुजली में लहसुन तेल लगाना भी काफी फायदेमंद होता है, यह तेल फंगल इंफेक्शन को कमजोर करता है, जिससे खुजली, लालपन और जलन कम होने लगती है और त्वचा को शांत प्रभाव मिलता है। यही नहीं लहसुन तेल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह त्वचा पर जलन नहीं करता, इसलिए संवेदनशील या पतली त्वचा पर भी सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। यह स्किन बर्न का खतरा कम करता है और बिना किसी नुकसान के दाद, खाज और खुजली जैसी समस्याओं में आराम दिलाने में मदद करता है। यह उपाय अपना कर आप लहसुन से दाद खाज खुजली का घरेलू इलाज आसानी से कर सकते हैं।
दाद खाज खुजली के लिए लहसुन का इस्तेमाल सीधे तरीके से त्वचा पर लगाना सुरक्षित नहीं माना जाता, खास तौर पर दाद, खाज और खुजली जैसी फंगल समस्याओं में। बहुत से लोग इसे घरेलू उपचार के रूप में लगा तो लेते हैं, लेकिन इससे अक्सर जलन, लालपन, छाले और स्किन बर्न जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। क्योंकि कच्चे लहसुन में एलीसिन नाम का तत्व बहुत तेज़ होता है। यह फंगल संक्रमण को मारने में मदद करता है पर साथ ही त्वचा पर तीखी रासायनिक प्रतिक्रिया पैदा करता है। इसलिए कच्चा लहसुन सीधे लगाने पर तुरंत चुभन, जलन और गर्माहट महसूस होती है। यही कारण है जिस वजह से विशेषज्ञ कच्चा लहसुन लगाने से बचने की सलाह देते हैं और इसकी जगह लहसुन तेल, लहसुन का पतला रस
लहसुन दाद खाज में कितने दिनों में असर दिखाता है, यह सबकी त्वचा की स्थिति और इंफेक्शन की गंभीरता पर निर्भर करता है। अगर सामान्य अनुभव के आधार पर बताया जाए तो, अगर लहसुन आमतौर पर 3 से 5 दिनों में शुरुआती राहत देना शुरू कर देता है। तो इस दौरान खुजली थोड़ी कम होती है और लालपन हल्का घटने लगता है। पर अगर दाद बहुत हल्का है, तो 7 से 10 दिनों में अच्छा सुधार दिख सकता है। लेकिन अगर दाद गहरा है या infection कई दिनों से चल रहा है, तो लहसुन से सिर्फ हल्की राहत मिलती है। पूरी तरह ठीक होने में 2-3 हफ्ते भी लग सकते हैं, और बहुत बार केवल लहसुन से इलाज पूरा नहीं होता। इसलिए ध्यान रखें कि दाद एक मजबूत फंगल इंफेक्शन है, इसलिए अगर 7-10 दिनों में स्पष्ट सुधार न दिखे तो एंटी-फंगल क्रीम या दवा की जरूरत पड़ती है।

लहसुन दाद, खाज और खुजली में लगाने से पहले कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि सही तरीके से न लगाने पर इसका नुकसान ज़्यादा हो सकता है।
इसलिए सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि कच्चा लहसुन बहुत तेज़ होता है, इसे सीधे त्वचा पर लगाने से पहले हमेशा पतला करना या किसी तेल के साथ मिलाना जरूरी है। और अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है या पहले भी किसी इलाज से जलन हुई है, तो लहसुन का टेस्ट पैच करना सही रहता है, थोड़ा सा पतला रस कलाई या कोहनी के पास लगाकर 10-15 मिनट देखें, अगर जलन नहीं होती तो ही उपयोग करें। और इस बात का खास ध्यान रखें कि लहसुन लगाने के बाद धूप में न जाएँ, क्योंकि इससे जलन और त्वचा काली पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। दाद पर लहसुन लगाने के दौरान त्वचा को खुरचें नहीं, क्योंकि इससे फंगस और फैल सकता है।
आज इस आर्टिकल में हमने जाना लहसुन से दाद खाज खुजली कैसे ठीक करें पर आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और अगर समस्या ज्यादा गंभीर हो जाए तो जल्द ही डॉक्टर से सम्पर्क करें। और ऐसे ही आर्टिकल और ब्लॉग के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।
FAQ
खुजली को जड़ से मिटाने के लिए क्या करें?
खुजली को जड़ से मिटाने के लिए त्वचा साफ और सूखी रखें, पसीना व खरोंचने से बचें। राहत न मिले तो डॉक्टर की दवा जरूरी है।
दाद खाज खुजली का रामबाण इलाज क्या है?
दाद, खाज और खुजली का सबसे असरदार इलाज के लिए प्रभावित जगह को हमेशा साफ और सूखा रखें, पसीना न जमने दें और दवा नियमित रूप से लगाएँ।
नींबू से दाद का इलाज कैसे करें?
नींबू का रस दाद पर हल्के कॉटन से धीरे-धीरे लगाएँ और 10 -15 मिनट बाद धो लें। ज्यादा जलन हो तो रस को पानी में पतला करके इस्तेमाल करें।
पुराने से पुराने दाद कैसे खत्म करें?
पुराने दाद को खत्म करने के लिए एंटी-फंगल क्रीम और दवा लगातार व सही तरीके से इस्तेमाल करना सबसे जरूरी है।
Sheela Jain
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I'm Kapil from Jhajjar. I had gallbladder stones and wanted an herbal solution. I chose Ayukarma and followed their treatment and diet plan. In a month, my symptoms eased, and scans showed major improvement. After two months, the stones were gone. Truly thankful for their help.
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I'm Tina from Delhi. I suffered from severe sinus issues for years. After learning about Panchakarma therapy, I visited Ayukarma. The staff was great, and therapy was done as per Ayurvedic texts. After treatment, my symptoms improved significantly. I highly recommend them for sinus problems.
Dravya Mathur
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My friend’s dad had colon cancer with severe symptoms. After starting treatment at Ayukarma, he showed major improvement in a few months. His recovery is ongoing, and he now strongly recommends Ayukarma for anyone dealing with similar issues.
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Kriya
I’m Kriya from Delhi. Diagnosed with early-stage tonsil cancer, I couldn’t tolerate allopathic treatment. Switching to Ayukarma was the best decision. Their herbal therapy eased my symptoms and improved my health significantly. I’m hopeful for a full recovery.
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