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सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है?

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सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है?

सांस की बीमारी एक ऐसी समस्या है जिसमें सांस लेने में कठिनाई होती है इसमें उन सभी अंगों पर प्रभाव पड़ता है जो श्वसन प्रणाली में हमारी मदद करते हैं, इस समस्या के कारण सूजन, जलन या इन्फेक्शन भी हो सकता है आज इस आर्टिकल में हम सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है इस बारे में बताएँगे साथ ही इसके लक्षणों और कारणों पर भी ध्यान देंगे जिससे आप इस समस्या से जल्द ही राहत पा सके।

साँस की बीमारी के प्रकार

साँस की बीमारी के लक्षण

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साँस की बीमारी के कारण

  • वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण
  • एलर्जी
  • स्मोकिंग
  • वातावरणीय प्रदूषण
  • वृद्धावस्था
  • शारीरिक गतिविधियों की कमी

सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है?

साँस की बीमारी में देसी इलाज में निम्नलिखित उपाय है:

  • काली मिर्च और शहद
  • भांप लेना
  • तुलसी
  • अदरक और शहद
  • लहसुन
  • हल्दी

1. काली मिर्च और शहद

काली मिर्च और शहद - सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है

काली मिर्च और शहद साँस की बिमारियों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं दोनों में ही बहुत प्रभावी गुण होते हैं जो खासी, बलगम और फेफड़ों को आराम देने में काफी मदद करते हैं, शहद में एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो गले को राहत पहुंचाते हैं साथ ही श्वसन प्रणाली से जुडी किसी भी परेशानी से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।

2. भाप लेना

भाप लेना - सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है

भाप लेना सांस की बीमारियों में एक पुराना देसी इलाज है जो श्वसन मार्ग में सूजन और इन्फेक्शन को कम कर सकता है, भाप गले और श्वसन मार्ग की सफाई करती है, जिससे सांस लेने और कष्ट कम होता है। भाप श्वसन मार्ग को हाइड्रेट करती है, जिससे सूखे गले और नाक में भी राहत मिलती है। पर ध्यान रखें की अत्यधिक भाप न लें और साथ ही भाप लेते वक़्त गर्म पानी का ध्यान रखें।

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3. तुलसी

तुलसी - सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है

तुलसी आयुर्वेद में बहुत सी प्रभावी आयुर्वेदिक औषधियों में से एक है जो बहुत से स्वास्थ्य से जुडी बहुत सी परेशानियों से राहत देता है इसमें एंटीऑक्सीडेंट शरीर को इन्फेक्शन से बचाते हैं। और एंटीइंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज श्वसन मार्ग में जलन और सूजन का इलाज करते हैं और इसमें  एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो संक्रमण से बचाते हैं यही नहीं ये श्वसन नलिकाओं को खोलने में मदद करती है।

4. अदरक और शहद

अदरक और शहद - सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है

अदरक और शहद दोनों ही शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, ये खासकर अस्थमा, खांसी और गले में हो रहे सूजन जैसी परेशानियों में फायदेमंद हो सकता है शहद में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से बचाते हैं। और खांसी में राहत प्रदान करता है। साथ ही अदरक श्वसन मार्ग को खोलने में मदद करता है, जिससे अस्थमा, सर्दी या जुकाम के कारण सांस लेने में काफी आराम मिलता है।

5. लहसुन

लहसुन - सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है

लहसुन श्वसन समस्याओं के लिए सदियों से उपयोग किया जाता है। ये इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, लहसुन में एलीसिन होता है जो जो बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करने में मदद करता है। और श्वसन नलिका में होने वाले इन्फेक्शन से भी बचाता है साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो श्वसन मार्ग में जो रही समस्या को कम करते हैं और सांस लेने में आसानी लाते हैं।

निष्कर्ष

इस ब्लॉग में बताए गए सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है? आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। लेकिन, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और किसी भी उपचार को चुनने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। अगर आप या आपके कोई परिजन को सांस या किसी भी स्वास्थ्य से जुडी कोई भी समस्या हो तो, आप आयु कर्मा में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स से अपना इलाज करवा सकते हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे आपको साँस की बीमारी या किसी भी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।

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