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प्रोस्टेट सिकुड़ने की आयुर्वेदिक दवा

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प्रोस्टेट सिकुड़ने की आयुर्वेदिक दवा

प्रोस्टेट सिकुड़ने की आयुर्वेदिक दवा

प्रोस्टेट सिकुड़ना, जो पुरुषों में एक आम स्वास्थ्य समस्या है, ये ज़्यादातर उम्र बढ़ने के साथ होती है। हालांकि प्रोस्टेट के आकार में वृद्धि होने से यह बहुत सी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, आयुर्वेद में प्राकृतिक उपायों और जड़ी-बूटियों के जरिए प्रोस्टेट की समस्याओं का समाधान खोजा जाता है। इस आर्टिकल में हम प्रोस्टेट सिकुड़ने कीआयुर्वेदिक दवा के बारे में बताएंगे साथ ही इनके कारणों और लक्षणों पर भी ध्यान देंगे जिससे आप समय रहते ही इस समस्या से राहत पा सकें और अपनी सेहत को बेहतर बना सकें।

प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण 

  • लगातार पेशाब आना 
  • पेशाब करने में कठिनाई 
  • पेशाब में रूकावट 
  • पेशाब के दौरान दर्द या जलन 
  • पेशाब में रक्त्त आना 
  • पेशाब की धारा का कमजोर होना
  • पेशाब में अधूरा खालीपन 
  • पेशाब के बाद भी मूत्राशय में दबाव होना 

प्रोस्टेट बढ़ने के कारण 

  • उम्र का बढ़ना 
  • आनुवंशिकता
  • वजन अधिक होना
  • खराब जीवनशैली
  • हाई फैट डाइट
  • हार्मोनल असंतुलन

प्रोस्टेट के लिए आयुर्वेदिक उपचार

बढ़े हुए प्रोस्टेट का आयुर्वेदिक इलाज निम्नलिखित है-

  • गोक्षुर
  • तुलसी
  • अलसी के बिज 
  • शिलाजीत
     
  • गोक्षुर - गोक्षुर एक प्रभावी औषधि है, इसे विशेष रूप से प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं के लिए उपयोग किया जा सकता है। ये मूत्र मार्ग को स्वस्थ रखने में सहायक है और पेशाब की धारा को सामान्य करता है, जिससे पेशाब करने में आसानी होती है। ये गोक्षुर हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है, मुख्य रूप से टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में। साथ ही इसका सेवन मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है।
     
  • तुलसी - तुलसी को आयुर्वेद में एक अत्यंत महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है। इनके पत्तों में कई औषधीय गुण होते हैं, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो प्रोस्टेट ग्रंथि की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। तुलसी के पत्तों में मूत्रवर्धक गुण होते हैं, जो मूत्र के मार्ग को बेहतर बनाता है। तुलसी हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। जो टेस्टोस्टेरोन और अन्य हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करती है, और साथ ही शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत और संक्रमणों से बचाव में मददकरती है।
    तुलसी

     
  • अलसी के बिज - अलसी के बिज को एक शक्तिशाली सुपरफूड माना जाता है। इसमें लिगनान नाम का प्राकृतिक यौगिक होता है, जो प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। अलसी के बीजों में एसीलिक एसिड होता है जो शरीर के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जिस वजह से ये पाचन को सुधारता है और मूत्र मार्ग को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
     
  • शिलाजीत - शिलाजीत एक अत्यंत प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है जिसे प्राचीन समय से कई लाभों के लिए उपयोग में लाया जाता है, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। शिलाजीत शरीर के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। ये टेस्टोस्टेरोन जैसे महत्वपूर्ण हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद कर सकता है, यही नहीं इसमें कई खनिज और आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। 


प्रोस्टेट का घरेलू इलाज

प्रोस्टेट का घरेलू इलाज निम्नलिखित है जो प्रोस्टेट सूजन की दवा के रूप में कार्य कर सकते हैं, 

  • हल्दी वाला दूध 
  • सौंफ और अजवाइन 
  • कद्दू के बीज 
  • पानी और हाइड्रेशन

हल्दी वाला दूध - हल्दी वाला दूध एक आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खा है, स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक फायदेमंद माना जाता है। इसमें पाए जाने वाला कुरकुमिन प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है। उचित मात्रा में इसका सेवन मूत्र मार्ग को स्वस्थ बनाए रखने में भी मदद करता है। 
हल्दी वाला दूध

सौंफ और अजवाइन - सौंफ और अजवाइन सर्दी-गर्मी का एक फायदेमंद मिश्रण है, जब बात प्रोस्टेट के स्वास्थ्य की हो, तो इन दोनों के लाभ महत्वपूर्ण हो सकते हैं। इसका सेवन मूत्राशय की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करता है। और अजवाइन और सौंफ दोनों ही प्राकृतिक तरीके से हार्मोन को संतुलित करते हैं, जो प्रोस्टेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

कद्दू के बीज - कद्दू के बीज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, इसमें जिंक की अच्छी मात्रा होती है, जो पुरुषों के हार्मोनल स्वास्थ्य और विशेष रूप से प्रोस्टेट के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स और अन्य पोषक तत्व प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं। 

पानी और हाइड्रेशन - पानी और हाइड्रेशन का हमारे स्वास्थ्य पर विशेष प्रभाव पड़ता है, पर्याप्त पानी पीने से प्रोस्टेट से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में सहायता मिल सकती है। हाइड्रेशन के जरिए मूत्राशय को पूरी तरह से साफ करने में मदद मिलती है, जिससे प्रोस्टेट पर दबाव कम होता है। पानी मूत्राशय से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और प्रोस्टेट ग्रंथि को स्वस्थ बनाए रखता है।

अगर आप भी प्रोस्टेट सिकुड़ने की आयुर्वेदिक दवा से संबंदित जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी उपचार विकल्प चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।

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