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शिलाजीत को प्राचीन आयुर्वेद में एक शक्तिशाली औषधि माना गया है, यह हिमालय की चट्टानों से निकलने वाला एक गाढ़ा, तार जैसा पदार्थ है, जो शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। ये खासतौर पर पुरुषों के यौन स्वास्थ्य, ऊर्जा, सहनशक्ति, और संपूर्ण जीवनशैली सुधारने वाला एक कारगर उपाय माना जाता है। हालाँकि ये समझना बहुत जरूरी है की जहाँ इसके कई फायदे हैं, वहीं इसके अधिक सेवन या गलत उपयोग से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। आज इस आर्टिकल में हम के बारे में जानेंगे साथ ही हम विस्तार से जानेंगे की शिलाजीत पुरुषों के लिए कैसे लाभदायक है, और किन परिस्थितियों में इसके उपयोग से बचना चाहिए।
ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाने के लिए - ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाने के लिए शिलाजीत शरीर की कोशिकाओं को अच्छे तरीके से ऊर्जा उत्पादन में सक्षम बनाता है। यह शरीर की ऑक्सीजन उपयोग करने की क्षमता को बेहतर बनाता है, जिससे व्यायाम के दौरान या किसी भी शारीरिक मेहनत के समय व्यक्ति अधिक समय तक काम कर सकता है। पर ध्यान देने की बात यह है कि शिलाजीत का सेवन हमेशा शुद्ध और प्रमाणित स्रोत से किया जाना चाहिए, क्योंकि अशुद्ध या मिलावटी शिलाजीत स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
मस्तिष्क के कार्य में सुधार के लिए - मस्तिष्क पर शिलाजीत का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस वह स्थिति होती है जिसमें फ्री रेडिकल्स मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे याददाश्त कमजोर होती है, फोकस में कमी आती है और उम्र के साथ मस्तिष्क की कार्यक्षमता घटने लगती है। शिलाजीत में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट तत्व इन फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करके न्यूरॉन्स की रक्षा करते हैं, जिससे मस्तिष्क लंबे समय तक स्वस्थ रहता है।
यौन स्वास्थ्य सुधारने के लिए - शिलाजीत को यौन स्वास्थ्य सुधारने के लिए विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है। शिलाजीत टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है, जो पुरुषों के यौन स्वास्थ्य, ऊर्जा, कामेच्छा, और शुक्राणुओं की गुणवत्ता के लिए आवश्यक होता है। जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन कम होता है, उन्हें अक्सर यौन इच्छा की कमी, थकावट, या नपुंसकता जैसी समस्याएं होती हैं। शिलाजीत इस हार्मोन के संतुलन को बहाल कर यौन प्रदर्शन में सुधार ला सकता है।
डायबिटीज और रक्तचाप नियंत्रण में मदद - अगर हम बात करें डायबिटीज की तो ऐसी स्थिति में शिलाजीत शरीर के मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करने में मदद करता है। इसमें फुलविक एसिड और अन्य खनिज पाए जाते हैं जो शरीर की कोशिकाओं की इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ा सकते हैं। और जहाँ तक रक्तचाप की बात है, शिलाजीत में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और मिनरल्स रक्त वाहिनियों को रिलैक्स करने में मदद कर सकते हैं, जिससे रक्त का प्रवाह बेहतर होता है और ब्लड प्रेशर सामान्य सीमा में बनाए रखने में मदद मिलती है। यह शरीर में सूजन को कम करने, तनाव को घटाने और हृदय की सेहत को सुधारने में भी योगदान दे सकता है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए - पुरुषों के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए शिलाजीत विशेष रूप से लाभकारी माना गया है। यह न केवल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। यही नहीं इसमें प्राकृतिक रूप से फुलविक एसिड, ह्यूमिक एसिड और 80 से अधिक प्रकार के खनिज पाए जाते हैं जो शरीर की कोशिकाओं को पोषण देते हैं। इसके अलावा ये फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं। जब इनका प्रभाव कम होता है, तो शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ जाती है।
पाचन तंत्र पर असर
हार्मोनल असंतुलन
शुद्ध न होने पर विषाक्तता
ब्लड प्रेशर पर प्रभाव
पाचन तंत्र पर असर - ये तो हम सब जानते हैं की शिलाजीत एक प्राकृतिक और शक्तिशाली औषधि है, लेकिन हर चीज की तरह इसका सेवन भी सावधानी से करना बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर इसका सेवन गलत तरीके से किया जाए तो खासतौर पर पाचन तंत्र पर नकारात्मक असर डाल सकता है। जिस वजह से बहुत से लोगों को गैस, पेट फूलना, अपच या दस्त जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। और याद रखें की, शिलाजीत हमेशा भोजन के बाद ही लेना चाहिए, खाली पेट इसका सेवन करने से पाचन तंत्र पर इसकी तीव्रता अधिक प्रभाव डाल सकती है।
हार्मोनल असंतुलन - वैसे तो शिलाजीत हार्मोनल असंतुलन के लिए भी फायदेमंद होता है, पर अगर ये बिना डॉक्टर की सलाह के लगातार और अधिक मात्रा में लिया जाता है, तो यह शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर असामान्य रूप से बढ़ा सकता है और अत्यधिक टेस्टोस्टेरोन बढ़ने से शरीर एस्ट्रोजन को भी अधिक बनाना शुरू कर सकता है, जिससे हार्मोनल गड़बड़ी और लक्षण जैसे चिड़चिड़ापन, मुंहासे, गंजापन, स्तनों में सूजन, या मूड स्विंग्स हो सकते हैं।
शुद्ध न होने पर विषाक्तता - अगर शिलाजीत शुद्ध न हो, यानी अगर उसमें मिलावट या दूषित तत्व मौजूद हों, तो इसका सेवन बहुत हानिकारक साबित हो सकता है। और लिवर और किडनी पर सबसे ज्यादा असर डालता है। लिवर विषैले तत्वों को डिटॉक्स करता है, लेकिन लगातार अशुद्ध पदार्थों के संपर्क में आने से लिवर की कार्यक्षमता कम हो सकती है। इसका असर भूख, पाचन, और शरीर की ऊर्जा पर दिखता है। वहीं, किडनी पर दबाव बढ़ने से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे थकान, पैरों में सूजन और मूत्र संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
ब्लड प्रेशर पर प्रभाव - पुरुषों के ब्लड प्रेशर पर शिलाजीत का असरसकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से हो सकता है, साथ ही इसकी मात्रा, शुद्धता, सेवन की अवधि और व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। खासतौर पर उन पुरुषों के लिए जो पहले से हाई या लो ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं, उनके लिए शिलाजीत का सेवन विशेष सावधानी की मांग करता है। जैसे कुछ मामलों में शिलाजीत ब्लड प्रेशर को कम भी कर सकता है। खासकर जब शरीर में पहले से ही कमजोरी या लो बीपी की प्रवृत्ति हो, तो शिलाजीत रक्त वाहिकाओं को अधिक फैला सकता है, जिससे रक्तचाप और नीचे गिर सकता है। यह स्थिति थकान, कमजोरी, चक्कर, बेहोशी जैसी परेशानियाँ पैदा कर सकती है।
आज इस आर्टिकल में हमने बताया पुरुषों के लिए शिलाजीत के फायदे और नुकसान, और आपने जाना की कैसे कुछ आयुर्वेदिक उपचार में शिलाजीत का इस्तेमाल उचित रूप से कर सकते हैं। पर याद रखें अगर स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी समस्या ज्यादा लंबे समय तक चल रही है तो जल्द ही डॉक्टर से संपर्क जरूर करें, और ऐसे ही आर्टिकल और ब्लॉग्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।
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