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कालमेघ एक औषधीय पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम एंडोग्रेफिस पैनिकुलाटा है। कालमेघ की पत्तियों में कालमेघीन नाम का उपक्षार पाया जाता है, जिसका औषधीय महत्व है। एक टॉनिक के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है और आयुर्वेद में कालमेघ एक दिव्य गुणकारी औषधीय पौधा है क्योंकि इसके बहुत सारे फायदे हैं। लेकिन इसका इस्तेमाल करने से पहले कालमेघ की पहचान से जुड़ी कुछ आम जानकारियाँ होना ज़रूरी हैं जो इस प्रकार हैं -
इसे हरा चिरायता, देशी चिरायता, बेलवेन, किरयित् के नामों से भी जाना जाता है।
भारत में यह पौधा पश्चिमी बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश में अधिक पाया जाता है।
इसका तना सीधा होता है जिसमें चार शाखाएँ निकलती हैं और प्रत्येक शाखा फिर चार शाखाओं में फूटती हैं।
इस पौधे की पत्तियाँ हरी एवं साधारण होती हैं।
इसका स्वाद कड़वा होता है, इसे कडवाहट का रजा भी कहते हैं।
इसके फूल का रंग गुलाबी होता है।
यह बूटी तमिलनाडु में बहुत पोपुलर है और वहां इसे नीलवेम्बू कषायम कहते हैं।
बुखार भगाएं:कालमेघ का इस्तेमाल मधुमेह और डेंगू बुखार ठीक करने के लिए किया जाता है। साथ ही यह चिकनगुनिया के बुखार, पुराने बुखार और सामान्य बुखार के ईलाज में भी उपयोगी है।
लिवर को स्वस्थ रखें: कालमेघ में दो किस्म के तत्व होते हैं। एक हेपटोप्रोटेक्टिव और एक हेपटोस्टिमुलेटिव। ये दोनों ही गुण पीलिया जैसी तकलीफ से लिवर को उबरने में मदद करते हैं। पित्त को रेग्यूलेट करके कालमेघ लिवर के काम को आसान बनाता है। साथ ही इसके अर्क के सेवन से लिवर और रीनल डैमेज से भी सुरक्षा मिलती है, जिसकी वजह से मलेरिया इंफेक्शन के दौरान व्यक्ति की मौत हो जाती है।
कब्ज दूर करे: कालमेघ कब्ज की अचूक दवा है। सदियों से इससे राहत पाने के लिए इसके चूर्ण का उपयोग किया जाता है. कालमेघ, आवालां और मुलेठी चूर्ण पानी में डालें फिर पानी को तब तक उबाले जब तक कि वो घटकर 100 मिलीलीटर न रह जाए. इसके बाद इस काढ़े को छान कर पिए
दस्त का ईलाज: कालमेघ की पत्तियाँ दस्त, गैस और लिवर की समस्याओं के लिए बहुत उपयोगी है दस्त की समस्या से राहत पाने के लिए इसकी गोली बहुत फायदेमंद होती है कालमेघ की पत्तियाँ, गुड और पानी से आप कालमेघ की गोलियां बना सकते हो
दिल को रखे स्वस्थ: धमनियों में फैट जमा होने से रक्त वाहिकाएं कठोर हो जाती हैं. एक स्टडी के हिसाब से कालमेघ खून के थक्के बनने का समय बढाने के साथ-साथ खून की नालियों में सिकुडन से बचाव करता है
सूजन को करे कम: प्राचीन चिकित्सा प्रणाली में एडीमा को जड़ से ख़त्म करने के लिए कालमेघ और अदरक के मिश्रण का इस्तेमाल किया जाता है
डायबिटीज में उपयोगी: कालमेघ में ऐसे तत्व होते हैं जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं
कालमेघ के पानी से चेहरा धोना फायदेमंद : कालमेघ के पानी से चेहरा धोने पर पिंपल्स और एक्ने से आराम मिलता है। स्किन पर होने वाली जलन, रूखापन या फिर खुजली की समस्या से भी कालमेघ राहत दिलाता है। कालमेघ रक्तशोधक यानि खून साफ करने वाली जड़ी है। जिसका असर स्किन पर भी दिखाई देता है।
वजन घटाने में फायदेमंद : कालमेघ का पानी पीने से मेटाबॉलिक रेट में इजाफा होता है। मेटाबॉलिज्म बेहतर होने से वजन घटाने में मददमिलती है। मेटाबॉलिज्म तेज होने से फैट बर्निंग भी तेजी से होती है। इसके अलावा कालमेघ पेट से जुड़ी समस्या जैसे एसिडिटी, इनडाइजेशन, कॉन्स्टिपेशन को भी दूर करता है। पेट के ठीक तरह से काम करने से वेटलॉस की कोशिशों को कामयाबी मिलती है।
स्ट्रेस दूर करे : जो लोग तनाव का शिकार होते हैं उनके लिए कालमेघ का काढ़ा स्ट्रेस बस्टर की तरह काम करता है। कालमेघ से स्वर्टिया मार्टिन नाम का तत्व प्रोड्यूस होता है। ये तत्व तनाव को कम कर ब्रेन को राहत देता है।
यदि कालमेघ को सही तरीके और खुलाख में लिया जाए तो यह फायदा करती है, लेकिन इसका अधिक उपयोग कुछ दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है
अधिक मात्रा में कालमेघ अर्क का सेवन करने से सुस्ती पैदा कर सकती है।
कुछ लोग कालमेघ से एलर्जी प्रतिक्रियाओं का निरीक्षण कर सकते हैं, मामूली त्वचा पर चकत्ते से लेकर उच्च खुराक के कारण एनाफिलेक्सिस नामक संभावित
इसे लेने से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है।
इससे गर्भपात के चांस भी हो सकते हैं।
यह ओव्यूलेशन को रोकता है और शुक्राणुओं की संख्या को कम करता है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि यह प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन को रोकता है।
FAQs
कालमेघ पीने से क्या फायदा होता है? - Kalmegh Pine Se Kya Fayda Hota Hai?
कालमेघ पीने से बहुत से फायदे होते हैं, जैसे
जिगर की सेहत में सुधार - कालमेघ एक प्राकृतिक हेपाटोप्रोटेक्टिव है, जो लिवर को डिटॉक्स करता है जो फैटी लिवर, पीलिया जैसी समस्याओं में फायदेमंद होता है।
पाचन क्रिया में सुधार - यह आँतों की सफाई में और अपच, एसिडिटी, भूख न लगना और पेट के कीड़ों में फायदेमंद होता है।
त्वचा रोगों में फायदेमंद - कालमेघ का रस त्वचा के दाने, फोड़े-फुंसी, एलर्जी आदि में काफी लाभदायक होता है।
बुखार और सर्दी-खांसी में राहत - कालमेघ शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है, जिससे अक्सर डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड जैसे बुखारों में दिया जाता है
कालमेघ के क्या नुकसान हैं? - Kalmegh Ke Kya Nuksan Hain?
कालमेघ को अत्यधिक मात्रा में लेने से बहुत सी समस्याएं हो सकती हैं,
ऑटोइम्यून रोगों में सावधानी - कालमेघ इम्यून सिस्टम को एक्टिव करता है, जिस वजह से ये रूमेटोइड आर्थराइटिस और ल्यूपस जैसे रोगों में यह उल्टा असर कर सकता है।
पाचन तंत्र पर असर - ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से पेट में गैस, ऐंठन, मरोड़ या दस्त हो सकते हैं, कुछ लोगों को इससे एसिडिटी या उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती है,
ब्लड प्रेशर में गिरावट - लो बीपी वालों को कालमेघ का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि ये रक्तचाप को कम कर सकता है
गर्भावस्था और स्तनपान में जोखिम - कालमेघ को गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है साथ ही स्तनपान के दौरान भी इसे डॉक्टर की सलाह के बिना न लें।
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