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पायरिया होने का कारण

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पायरिया होने का कारण

पायरिया क्या है?

पायरिया, मसूड़ों और दातों से संबंधित एक गंभीर समस्या है, जिसे पीरियोडोंटाइटिस भी कहा जाता है। यह स्थिति आमतौर पर बैक्टीरियल इंफेक्शन या दातों में प्लाक जमने से होती है। अगर समय पर उपचार नहीं मिले या अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो पायरिया गंभीर समस्या का कारण भी बन सकती है। हालांकि, सही उपचार से पायरिया का इलाज संभव है। इस ब्लॉग में आप पायरिया होने का कारण जानेंगे। साथ ही हम इसके लक्षणों और उपचार विकल्पों पर भी विस्तार से चर्चा करेंगे।

पायरिया के लक्षण

पायरिया के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  • मसूड़ों से रक्तस्राव
  • मसूड़ों में दर्द
  • मसूड़ों में सूजन
  • मुंह से दुर्गंध आना
  • दातों का रंग बंदलना
  • दांत ढीले होना
  • दातों का हिलना या गिरना
  • दातों से मवाद आना
  • मसूड़ों में इंफेक्शन
  • मसूड़ों में लालपन
  • चबाते समय दर्द
  • ठंडे और गर्म के प्रति संवेदनशीलता

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पायरिया के कारण

कई जोखिम कारक पायरिया का प्रमुख कारण बन सकते हैं, जैसे:

  • दातों की कम सफाई
  • धुम्रपान
  • आनुवांशिकता
  • प्लाक और टार्टर जमना
  • गलत खान-पान
  • डायबिटीज
  • अधिक उम्र
  • हॉर्मोन में बदलाव
  • दातों से जुड़ी समस्याएं
  • अस्वस्थ जीवनशैली
  • तनाव और चिंता
  • अन्य स्वास्थ्य समस्या
  • दवाओं का दुष्प्रभाव

पायरिया के प्रकार

पायरिया के दो प्रमुख प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • गिगिंवाइटिस
  • पेरियोडोंटाइटिस

पायरिया का उपचार

कई घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार हैं, जो पायरिया के इलाज और लक्षणों को नियंत्रित करने में फायदेमंद हो सकते हैं। ऐसे ही कुछ विकल्प निम्नलिखित हैं:

1. लौंग

लौंग - पायरिया का उपचार

इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों की उच्च मात्रा होती है, जिससे आपको दर्द, सूजन या इंफेक्शन की समस्या में राहत मिल सकती है। साथ ही लौंग के कैल्शियम, जिंक, पोटेशियम जैसे मिनरल्स दातों को मजबूत बनाते हैं और आपको पायरिया की समस्या से बचाते हैं।

2. नीम

नीम - पायरिया का उपचार

पायरिया के उपचार में नीम के पत्ते अन्य प्रभावी विकल्प हैं। यह एंबैक्टीरियल, एंटीफंगल और सूजन कम करने वाले गुणों से भरपूर होते हैं। इससे बैक्टीरियल इंफेक्शन को नियंत्रित करने, मसूड़ों की सूजन को कम करने, दर्द से राहत पाने और रक्तस्राव को रोकने में मदद मिलती है, जिससे मुंह साफ रहता है और पायरिया का जोखिम कम होता है।

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3. तुलसी

तुलसी - पायरिया का उपचार

तुलसी के पत्ते विटामिन-C, यूजेनोल, फ्लेवोनॉयड्स और फेनोलिक जैसे कंपाउंड से समृद्ध होते हैं। यह मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं और आपको मुंह के इंफेक्शन से बचाते हैं। इसके अलावा तुलसी के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुण सूजन, दर्द को कम करने के साथ-साथ पायरिया के लक्षणों को नियंत्रित भी करते हैं।

4. हल्दी और नमक

हल्दी और नमक - पायरिया का उपचार

हल्दी और नमक का मिश्रण पायरिया के इलाज में सबसे अच्छा घरेलू उपचार हो सकता है। हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों की उच्च मात्रा होती है। जबकि, नमक में जरूरी मिनरल्स होते हैं, जिससे पायरिया के कारण होने वाली सूजन और दर्द से राहत मिलती है। इसके अलावा हल्दी और नमक का उपयोग इंफेक्शन से बचने, मुंह की दुर्गंध को दूर करने, मसूड़ों को मजबूत बनाने और रक्तस्राव को रोकने में भी लाभकारी हो सकता है।

5. आंवला

आंवला - पायरिया का उपचार

आंवला में विटामिन-C, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और डिटॉक्सीफाईंग गुण होते हैं। इससे मसूड़ों को मजबूती देने, इंफेक्शन को कम करने, मसूड़ों में रक्त की आपूर्ति को बेहतर बनाने, सूजन को कम करने और दर्द से राहत पाने में मदद मिल सकती है। साथ ही आंवला के सेवन से दातों में कैल्शियम और मिनरल्स की आपूर्ति बेहतर होती है, जिससे आप मसूडों को लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।

निष्कर्ष

अगर आप भी पायरिया होने का कारण जानना चाहते हैं, तो आपके लिए यह ब्लॉग पोस्ट बहुत फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और किसी भी उपचार विकल्प के चयन से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना न भूलें। सेहत से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें आयु कर्मा के साथ।

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